नीचे दिया गया समेकित कीट प्रबंधन पैकेज, टमाटर को लगने वाली सामान्य रोगों को दूर करेगा।:
केप्टाफ/थाइरम (0.2%) या ट्राइकोडर्मा हर्जियानम के चूर्ण मिश्रण से 5 ग्रा./कि.ग्रा. की दर से बीजोपचार करें।
पौधों को प्रोट्रे का इस्तेमाल करते हुए नाइलोन जाली/पॉली हाउस में उगाएँ। पौधों के मुरझा जाने को रोकने के लिए अंकुरण के 10 दिन बाद पौध-प्रोट्रे को कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (0.3%) से भिगोएँ।
ऐफिड, थ्रिप्स और कुटकियों को रोकने के लिए एसेफेव (0.15%) या फिप्रोनिल (0.1%) या डायकोफोल (0.2%) का पत्तों पर छिड़काव करें (ज़रूरत के अनुसार)।
मिट्टी से लगने वाली बीमारियों को रोकने और मिट्टी के स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए नीम की खली 250 कि.ग्रा./हे. या ट्राइकोडर्मा हर्जियानम 1 कि.ग्रा./100 कि.ग्रा. नीम की खली/गोबर की खाद की दर से संवर्धित गोबर की खाद की आवश्यक मात्रा का प्रयोग करें।
रोपाई से पहले पौधों को कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (0.3%) या केप्टाफ (0.2%) या ट्राइकोडर्मा हर्जियानम के चूर्ण मिश्रण (2.0%) से भिगोएँ।
विषाणु बीमारियों के वाहकों के नियंत्रण के लिए एसेफेट (0.15%) या फिप्रोनिल (0.1%) से पत्तों पर छिड़काव करें।
अगेती अंगमारी के नियंत्रण के लिए बीमारी के दिखते ही कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (0.2%) या क्लोरोथालोनिल (0.2%) या मेन्कोज़ेब (0.2%) या प्रोपीनेब (0.2%) या मेटिराम (0.2%) या पाइराक्लोस्ट्रोबिन + मेटिराम (0.2%) से पत्तियों पर छिड़काव करें और इसे 10 से 15 दिनों के अंतराल में दोहराएँ।
खरीफ के मौसम में पछेती अंगमारी को नियंत्रित करने के लिए मेन्कोज़ेब (0.2%) या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (0.3%) या कॉपर हाइड्रॉक्साइड (0.2%) या फोसीटाइल-एआई (0.2%) या मेटालिक्सिल-मेन्कोज़ेब का पहले से ही पैक किए गए मिश्रण (0.2%) या डायमेथोमोर्फ (0.1%) + मेटीराम (0.2%), एज़ोक्सिस्ट्रोबिन (0.2%), पाइराक्लोस्ट्रोबिन + मेटिराम (0.2%), फेनमिडोन-मेन्कोज़ेब (0.3%), फेमोक्साडोन + साइमोक्सानिल (0.1%) के संयोजन का 10 दिनों के अंतराल में पत्तियों पर छिड़काएँ (ज़रूरत के अनुसार)।
चूर्णी आसिता (पाउडरी मिल्ड्यु) के नियंत्रण के लिए हेक्साकोनाज़ोल (0.05%) या डायनोकेप (0.1%) या गलने वाला सल्फर (0.3%) या कार्बेन्डाज़िम (0.1%) या ट्राइडेमोर्फ (0.1%) से पत्तियों पर एक या दो बार छिड़काएँ। • विषाणु-बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए रोपाई से लेकर पुष्पण तक दो सप्ताह के अंतराल में इमिडाक्लोप्रिड (0.03%), एसीफेट (0.15%) या फिप्रोनिल (0.1%) से छिड़काव करें।