टमाटर को विभिन्न प्रकार के कीट और घुन नष्ट कर सकते हैं। कीटों द्वारा टमाटर के पौधों को विकास के सभी चरणों में नुकसान पहुंचाया जा सकता है।
फल-बेधक से प्रकोपित फलों को बेधक-सहित इकट्ठा कर नष्ट करें। रोपाई के 28, 35 और 42 दिनों के अंतराल में शाम के समय HaNPV 200 ली. पानी में मिलाकर 100 ली./एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। छिड़काव से पहले 1% गुड़ और 0.5 मि.ली./ली. की दर से स्टिकर मिलाएँ। अथवा इंडोक्साकर्ब 14.5 एस.सी (1.0 मि.ली./ली.) या थायोडिकार्ब 75 डब्ल्युपी (1.0 ग्रा./ली.) या इनामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी (0.4 ग्रा./ली.) या केंद्रीय कीटनाशक मण्डल में टमाटर के फल-बेधक के नियंत्रण हेतु पंजीकृत किसी प्रभावी कीटनाशक या वानस्पतिक दवाइयों का छिड़काव करें।
रोपाई के समय पत्ती-सुरंगक से संक्रमित पत्तों को निकाल दें। इसके अतिरिक्त, पौधे 4-5 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने पर 6-8 इंच की ऊँचाई तक पत्ती-सुरंगक से संक्रमित पत्तों को निकाल दें। किसी भी कृत्रिम कीटनाशकों के छिड़काव न करें, क्योंकि प्रतिरोध-क्षमता बढ़ते समय इससे पत्ती-सुरंगक का संक्रमण बढ़ जाएगा। अगर किसी भी तरह का छिड़काव किया जाना है तो केवल नीमा-आधारित उत्पादों का छिड़काव करें।
बुवाई के 15 बाद पौधों पर इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल (0.3 मि.ली./ली.) या थायमेथॉक्सम 25 डब्ल्यु पी (0.3 ग्रा./ली.) या फिप्रोनिल (1.0 मि.ली./ली.) का छिड़काव करें तथा रोपाई के एक दिन पहले प्रोट्रे को इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल (0.3 मि.ली./ली.) या थायमेथॉक्सम 25 डब्ल्यु पी (0.3 ग्रा./ली.) से भिगोएँ। रोपाई के 15 और 30 दिन बाद उपर्युक्त कीटनाशकों का छिड़काव दोहराएँ या एसेफेट (1-5 ग्रा./ली.) से छिड़काव करें।
पीएनएसपीई (4%) या नीम/करंज साबुन (8-10 ग्रा./ली.) या डायकोफोल 18-5 ईसी (2 मि.ली./ ली.) या डायनोकार्प (1.0 मि.ली./ली.) या डायनफेंथियम (2.0 मि.ली./ली.) या एबामेक्टिन 1.9 ईसी (0.5 मि.ली./ली.) या फेनाज़ाक्विन 10% ईसी (1.0 मि.ली./ली.) या स्पाइरोमेसिफेन 22.9% डब्ल्यु/डब्ल्यु (1.0 मि.ली./ली.) का छिड़काव करें।
ऐफिड, थ्रिप्स और कुटकियों के प्रबंधन के लिए एसीफेट (0.15%) या फिप्रोनिल (0.1%) या डायकोफोल (0.2%) से पत्तों पर आवश्यकतानुसार छिड़काव करें।